Umangon ko sakhi Songtext
von Lata Mangeshkar & Chorus
Umangon ko sakhi Songtext
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
(कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
डगर में रूप के लोभी, नगर में मन के मैले हैं (नगर में मन के मैले हैं)
यहाँ पापी नजरियों के हज़ारों जाल फैले हैं (हज़ारों जाल फैले हैं)
भरे बाज़ार में बाली उमरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
मोहे दुनिया से डर लागे, यहाँ लाखों हैं मतवाले (यहाँ लाखों हैं मतवाले)
ना जाने कोई अलबेला मोहे किस रंग में रंग डाले (मोहे किस रंग में रंग डाले)
रंगीलों में भला कोरी चुनरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
लगा के हाथों में मेहँदी, रचा के नैनों में रतिया (रचा के नैनों में रतिया)
दुल्हनिया बनके निकली हूँ, मिलेंगे आज मन बसिया (मिलेंगे आज मन बसिया)
सजन के द्वार से प्यासी नजरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
(कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
डगर में रूप के लोभी, नगर में मन के मैले हैं (नगर में मन के मैले हैं)
यहाँ पापी नजरियों के हज़ारों जाल फैले हैं (हज़ारों जाल फैले हैं)
भरे बाज़ार में बाली उमरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
मोहे दुनिया से डर लागे, यहाँ लाखों हैं मतवाले (यहाँ लाखों हैं मतवाले)
ना जाने कोई अलबेला मोहे किस रंग में रंग डाले (मोहे किस रंग में रंग डाले)
रंगीलों में भला कोरी चुनरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
लगा के हाथों में मेहँदी, रचा के नैनों में रतिया (रचा के नैनों में रतिया)
दुल्हनिया बनके निकली हूँ, मिलेंगे आज मन बसिया (मिलेंगे आज मन बसिया)
सजन के द्वार से प्यासी नजरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
(हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?)
(उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?)
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad Lyrics powered by www.musixmatch.com