Mera Ek Sapna Hai Songtext
von Kumar Sanu & Kavita Krishnamurthy
Mera Ek Sapna Hai Songtext
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, धड़कन सा चलता है, ये कैसा रिश्ता है?
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने कि तू ही मेरे अपनों में
हो, नींदों में हँसती हूँ, ख़्वाबों में उड़ती हूँ
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
अब तक किसी की चाहत मेरे लब तक थी
तेरी नज़र ने दिल पे मेरे दस्तक दी
हो, अब तक किसी की चाहत मेरे लब तक थी
तेरी नज़र ने दिल पे मेरे दस्तक दी
जागी-सोई, खोई-खोई
तन्हाई में क्या हालत ग़ज़ब हुई
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, नींदों में हँसती हूँ, ख़्वाबों में उड़ती हूँ
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मन की डगर पे मुड़ के हम किधर जाएँ?
ओ, तेरे इशारे रोकें, हम जिधर जाएँ
मन की डगर पे मुड़ के हम किधर जाएँ?
तेरे इशारे रोकें, हम जिधर जाएँ
चलते-चलते, रुकते-रुकते
क़िस्मत मेरी क्या करवट बदल गई
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, धड़कन सा चलता है, ये कैसा रिश्ता है?
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
है तू ही मेरे अपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, धड़कन सा चलता है, ये कैसा रिश्ता है?
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने कि तू ही मेरे अपनों में
हो, नींदों में हँसती हूँ, ख़्वाबों में उड़ती हूँ
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
अब तक किसी की चाहत मेरे लब तक थी
तेरी नज़र ने दिल पे मेरे दस्तक दी
हो, अब तक किसी की चाहत मेरे लब तक थी
तेरी नज़र ने दिल पे मेरे दस्तक दी
जागी-सोई, खोई-खोई
तन्हाई में क्या हालत ग़ज़ब हुई
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, नींदों में हँसती हूँ, ख़्वाबों में उड़ती हूँ
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मन की डगर पे मुड़ के हम किधर जाएँ?
ओ, तेरे इशारे रोकें, हम जिधर जाएँ
मन की डगर पे मुड़ के हम किधर जाएँ?
तेरे इशारे रोकें, हम जिधर जाएँ
चलते-चलते, रुकते-रुकते
क़िस्मत मेरी क्या करवट बदल गई
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
हो, धड़कन सा चलता है, ये कैसा रिश्ता है?
मेरा एक सपना है कि देखूँ तुझे सपनों में
तू माने, ना माने, है तू ही मेरे अपनों में
है तू ही मेरे अपनों में
Writer(s): Jatin Lalit, Zeena Gulzar, Sanjay Chhel Lyrics powered by www.musixmatch.com