Pehli Pehli Baar Mohabbat Ki Hai Songtext
von Kumar Sanu & Alka Yagnik
Pehli Pehli Baar Mohabbat Ki Hai Songtext
मेरे महबूब, मेरे इस दिल ने
रात को दिन, सुबह को शाम लिखा
इतना बैचैन कर दिया तुम ने
मैंने ये ख़त तुम्हारे नाम लिखा
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
मेरा हाल बुरा है, लेकिन तुम कैसी हो लिखना
मेरा छोड़ो, जान मेरी, अपना ख़याल तुम रखना
कोरे काग़ज़ पे मैंने सारा अरमाँ निकला
मेरे इस दिल में जो कुछ था, ख़त में सब लिख डाला
पहली-पहली बार शरारत की है
पहली-पहली बार शरारत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
काश, मेरा दिल भी कोई काग़ज़ का टुकड़ा होता
रात को तेरी बाँहों में तकिए के नीचे सोता
हो, केरल में गर्मी है, नैनीताल से सर्दी भेजो
जो राहत पहुँचाए, ऐसा कुछ बेदर्दी भेजो
बिन तेरी यादों के एक पल जीना है मुश्किल
कैसे लिख दूँ, तुझ को कितना चाहे मेरा दिल
अपनी इक तस्वीर लिफ़ाफ़े में रख कर भिजवा दो
मैं ख़ुद मिलने आऊँगी, कुछ दिन दिल को समझा दो
तुम कितनी भोली हो, तुम कितने अच्छे हो
तुम कितनी सीधी हो, तुम कितने सच्चे हो
पहली-पहली बार ये चाहत की है
पहली-पहली बार ये चाहत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
रात को दिन, सुबह को शाम लिखा
इतना बैचैन कर दिया तुम ने
मैंने ये ख़त तुम्हारे नाम लिखा
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
मेरा हाल बुरा है, लेकिन तुम कैसी हो लिखना
मेरा छोड़ो, जान मेरी, अपना ख़याल तुम रखना
कोरे काग़ज़ पे मैंने सारा अरमाँ निकला
मेरे इस दिल में जो कुछ था, ख़त में सब लिख डाला
पहली-पहली बार शरारत की है
पहली-पहली बार शरारत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
काश, मेरा दिल भी कोई काग़ज़ का टुकड़ा होता
रात को तेरी बाँहों में तकिए के नीचे सोता
हो, केरल में गर्मी है, नैनीताल से सर्दी भेजो
जो राहत पहुँचाए, ऐसा कुछ बेदर्दी भेजो
बिन तेरी यादों के एक पल जीना है मुश्किल
कैसे लिख दूँ, तुझ को कितना चाहे मेरा दिल
अपनी इक तस्वीर लिफ़ाफ़े में रख कर भिजवा दो
मैं ख़ुद मिलने आऊँगी, कुछ दिन दिल को समझा दो
तुम कितनी भोली हो, तुम कितने अच्छे हो
तुम कितनी सीधी हो, तुम कितने सच्चे हो
पहली-पहली बार ये चाहत की है
पहली-पहली बार ये चाहत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
पहली-पहली बार मोहब्बत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
इश्क़ ने मेरी ऐसी हालत की है
कुछ ना समझ में आए, मैं क्या करूँ
Writer(s): Sameer Lyrics powered by www.musixmatch.com