Kahaani Songtext
von KK
Kahaani Songtext
चुप रह कर भी ये, सब कुछ कहती है
सब कुछ कह कर भी, चुप ही रहती है
कभी आँखों से कर के इशारा
कभी बाहों का दे के सहारा
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
ओ, taxi के भँवरे हैं गा रहे
किनती जल्दी में हैं जा रहे
मंज़िल कहाँ है, ना किसी को है पता
Train की घंटी इशारों में
किस्से किसी के छुपा रही है
दिल से सुनो तो ये सब कुछ देगी बता
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
सड़कों पर इसके सपने चलते हैं
सौ खो जाते हैं, दो सच बनते हैं
यही राहें कभी ज़ंजीरें
कभी हाथों की ये लकीरें
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई (रिश्ता कोई)
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई (किस्सा कोई)
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
सब कुछ कह कर भी, चुप ही रहती है
कभी आँखों से कर के इशारा
कभी बाहों का दे के सहारा
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
ओ, taxi के भँवरे हैं गा रहे
किनती जल्दी में हैं जा रहे
मंज़िल कहाँ है, ना किसी को है पता
Train की घंटी इशारों में
किस्से किसी के छुपा रही है
दिल से सुनो तो ये सब कुछ देगी बता
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
सड़कों पर इसके सपने चलते हैं
सौ खो जाते हैं, दो सच बनते हैं
यही राहें कभी ज़ंजीरें
कभी हाथों की ये लकीरें
मेरा इन राहों से है रिश्ता कोई (रिश्ता कोई)
अनजाना सा पुराना किस्सा कोई (किस्सा कोई)
इनसे जो पूछो तो कहेंगी ये मेरी कहानी
Writer(s): Vishal Dadlani Lyrics powered by www.musixmatch.com