Haule Haule Songtext
von KK
Haule Haule Songtext
हौले, हौले, हौले
ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
"तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले"
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
दुआ करो कि आज रात रात ना ढले
खिले वो फूल, फूल जो चराग़ सा जले
चाँदनी के होंठ चूमते रहे
अपने आप को ढूँढते रहे, कि झूम-झूमते रहे
खुशबुओं की बारिश, ये दिल ज़रा भिगो ले
है खुशबुओं की बारिश, ये दिल ज़रा भिगो ले
तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले
पुराने पुल के पास सीटी देके rail रुक गई
किसी की याद सीने में हमारे चुभ गई
साथ-साथ हैं चलती पटरियाँ
हम रुकें कहाँ? हम चलें कहाँ?
उड़ें कहाँ? गिरें कहाँ?
"लोग सो रहे हैं," ख़ाली मकान बोले
"लोग सो रहे हैं," ख़ाली मकान बोले
"तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले"
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
"तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले"
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
दुआ करो कि आज रात रात ना ढले
खिले वो फूल, फूल जो चराग़ सा जले
चाँदनी के होंठ चूमते रहे
अपने आप को ढूँढते रहे, कि झूम-झूमते रहे
खुशबुओं की बारिश, ये दिल ज़रा भिगो ले
है खुशबुओं की बारिश, ये दिल ज़रा भिगो ले
तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले
पुराने पुल के पास सीटी देके rail रुक गई
किसी की याद सीने में हमारे चुभ गई
साथ-साथ हैं चलती पटरियाँ
हम रुकें कहाँ? हम चलें कहाँ?
उड़ें कहाँ? गिरें कहाँ?
"लोग सो रहे हैं," ख़ाली मकान बोले
"लोग सो रहे हैं," ख़ाली मकान बोले
"तारों की छत पे आजा, आ बादलों में सो ले"
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
हौले, हौले, हौले, ये रात हम से बोले
Writer(s): Vishal Bhardwaj, Abbas Fakirmohamed Tyrewala Lyrics powered by www.musixmatch.com