Kab Tujhe Songtext
von KK & Shreya Ghoshal
Kab Tujhe Songtext
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे खुद पे हमने ओढ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरे लिए हैं मेरे जिस्म-ओ-जाँ
तेरे लिए हैं मेरे शाम-सुबह
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे खुद पे हमने ओढ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरी चाहत ने मेरी ज़िंदगी सजाई है
दिल के वीराने में चुपके से बहार आई है
तेरी चाहत ने मेरी ज़िंदगी सजाई है
दिल के वीराने में चुपके से बहार आई है
कब हसीं ज़िंदगी ने मोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
जिसकी ख़्वाहिश थी हमें तूने अब वो शब दी है
जितनी तनहाई थी जीने में सब वो भर दी है
जिसकी ख़्वाहिश थी हमें तूने अब वो शब दी है
जितनी तनहाई थी जीने में सब वो भर दी है
कब हमें हमसे तूने तोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
अब तो हर लमहा तेरे साथ हम बिताएँगे
खुद भी सँवरेंगे, तेर घर को सजाएँगे
अब तो हर लमहा तेरे साथ हम बिताएँगे
खुद भी सँवरेंगे, तेर घर को सजाएँगे
कब यही दिल ही दिल में सोच लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ दिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरे लिए हैं मेरे जिस्म-ओ-जाँ
तेरे लिए हैं मेरे शाम-सुबह
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे खुद पे हमने ओढ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरे लिए हैं मेरे जिस्म-ओ-जाँ
तेरे लिए हैं मेरे शाम-सुबह
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे खुद पे हमने ओढ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरी चाहत ने मेरी ज़िंदगी सजाई है
दिल के वीराने में चुपके से बहार आई है
तेरी चाहत ने मेरी ज़िंदगी सजाई है
दिल के वीराने में चुपके से बहार आई है
कब हसीं ज़िंदगी ने मोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
जिसकी ख़्वाहिश थी हमें तूने अब वो शब दी है
जितनी तनहाई थी जीने में सब वो भर दी है
जिसकी ख़्वाहिश थी हमें तूने अब वो शब दी है
जितनी तनहाई थी जीने में सब वो भर दी है
कब हमें हमसे तूने तोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
अब तो हर लमहा तेरे साथ हम बिताएँगे
खुद भी सँवरेंगे, तेर घर को सजाएँगे
अब तो हर लमहा तेरे साथ हम बिताएँगे
खुद भी सँवरेंगे, तेर घर को सजाएँगे
कब यही दिल ही दिल में सोच लिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
कब तुझे ज़िंदगी से जोड़ दिया?
अजनबी हमको कुछ पता ना चला
तेरे लिए हैं मेरे जिस्म-ओ-जाँ
तेरे लिए हैं मेरे शाम-सुबह
Writer(s): Sayeed Quadri, M Kreem Lyrics powered by www.musixmatch.com