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Dil Mere Songtext
von K. S. Chithra

Dil Mere Songtext

दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है, मैंने माना है

दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है, मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है...

ख़ामोशियों की ज़ुबाँ कोई ना समझे यहाँ
सहरा में गुल खिलते नहीं
मिलके कभी मिलते नहीं
जाने है किसकी ख़ता
अनजानी ये राहें मंज़िल का देंगी पता


दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है, मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है...

नदियों को एहसास है, सागर में भी प्यास है
माना कि है अँधेरा घना
किसने किया तुझको मना?
तारों की शम्मा जला
सच होते सपने भी मैंने है ऐसा सुना

दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है, मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है, मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?

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