Kis Ney Sunna Songtext
von Junoon
Kis Ney Sunna Songtext
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ना ही रस्ता कोई उनका, ना ही मंज़िल
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई गुम कहीं है, कोई गुम कहीं
कोई सोच भी उनकी अपनी नहीं
ना मुस्तक़बिल कोई उनका, ना ही माज़ी
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ना ही रस्ता कोई उनका, ना ही मंज़िल
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ना ही रस्ता कोई उनका, ना ही मंज़िल
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई गुम कहीं है, कोई गुम कहीं
कोई सोच भी उनकी अपनी नहीं
ना मुस्तक़बिल कोई उनका, ना ही माज़ी
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
ग़ुलामी में ख़ुश हैं अभी दूसरों की
के रहते हैं जन्नत में वो अहमक़ों की
ना ही रस्ता कोई उनका, ना ही मंज़िल
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
कोई यहाँ अपनी ज़ुबाँ समझे कहाँ?
कहा जो उन्होंने, वो सब ने सुना
जो हमने कहा वो, वो किसने सुना?
Writer(s): Sabir Zafar, Salman Ahmad Lyrics powered by www.musixmatch.com