Sarakti Jayay Hay Songtext
von Jagjit Singh & Chitra Singh
Sarakti Jayay Hay Songtext
सरकती जाये
सरकती, सरकती, सरकती
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
जवां होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
जवां होने, जवां होने
जवां होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
सवाल-ए-वसल पे उनको उदू का खौफ़ है इतना
खौफ़ है इतना, खौफ़ है इतना, खौफ़ है इतना
सवाल-ए-वसल पे उनको उदू का खौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें अमीर और मैं कहूँ उनसे
वो बेदर्दी, बेदर्दी, बेदर्दी, बेदर्दी
वो बेदर्दी से सर काटें अमीर और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती, सरकती, सरकती
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
जवां होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
जवां होने, जवां होने
जवां होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
सवाल-ए-वसल पे उनको उदू का खौफ़ है इतना
खौफ़ है इतना, खौफ़ है इतना, खौफ़ है इतना
सवाल-ए-वसल पे उनको उदू का खौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें अमीर और मैं कहूँ उनसे
वो बेदर्दी, बेदर्दी, बेदर्दी, बेदर्दी
वो बेदर्दी से सर काटें अमीर और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
Writer(s): Ameer Meenai, Jagjit Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com