Kabhi Khamosh Baithoge Songtext
von Jagjit Singh & Chitra Singh
Kabhi Khamosh Baithoge Songtext
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
बहुत समझाना चाहोगे, मगर समझा ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी दुनिया मुक़म्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी दुनिया मुक़म्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी मेरी कमी दुनिया की हर इक शय में पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
कहीं पर भी रहें हम-तुम, मोहब्बत फिर मोहब्बत है
कहीं पर भी रहें हम-तुम, मोहब्बत फिर मोहब्बत है
तुम्हें हम याद आएँगे, हमें तुम याद आओगे
तुम्हें हम याद आएँगे, हमें तुम याद आओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
बहुत समझाना चाहोगे, मगर समझा ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी दुनिया मुक़म्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी दुनिया मुक़म्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी मेरी कमी दुनिया की हर इक शय में पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
कहीं पर भी रहें हम-तुम, मोहब्बत फिर मोहब्बत है
कहीं पर भी रहें हम-तुम, मोहब्बत फिर मोहब्बत है
तुम्हें हम याद आएँगे, हमें तुम याद आओगे
तुम्हें हम याद आएँगे, हमें तुम याद आओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
Writer(s): Jagjit Singh, Nazeer Banarasi Lyrics powered by www.musixmatch.com