Hum To Hain Pardes Main Songtext
von Jagjit Singh & Chitra Singh
Hum To Hain Pardes Main Songtext
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात, हो-हो
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आँसू का इक क़तरा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर, हो-हो
रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर
आँगन वाले नीम में जा कर अटका होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते, हो-हो
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते
मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात, हो-हो
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आँसू का इक क़तरा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर, हो-हो
रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर
आँगन वाले नीम में जा कर अटका होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते, हो-हो
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते
मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद, हो-हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
Writer(s): Jagjit Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com