Koi Mujhe Raat Ko Yaad Kare Songtext
von Hemant Kumar
Koi Mujhe Raat Ko Yaad Kare Songtext
कोई मुझे रात को याद करे
कोई मुझे रात को याद करे
तारों की झुरमुट में आकर
वो मिलने की फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
वो कहे, "गगन पे आ जाओ
ये तारे मुझे डराते हैं
हम नाम तुम्हारा लेते हैं
ये और मुझे धमकाते हैं
ये चाँद भी तेरी चाहत को
ये चाँद भी तेरी चाहत को
ना जाने क्यूँ बर्बाद करे"
कोई मुझे रात को याद करे
मैं चुप था, पंछी बोल उठे
और वो फ़रियादी रूठ गया
मैं चुप था, पंछी बोल उठे
और वो फ़रियादी रूठ गया
वो रूठे दिल पे चोट लगी
मैं चौंका, सपना टूट गया
अब रोता हूँ, कब रात पड़े
अब रोता हूँ, कब रात पड़े
फ़रियादी फिर फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
पहले तो गगन जला डालूँ
फिर पूछूँ चाँद-सितारों से
क्या बैर है तुमको उल्फ़त से
और हम उल्फ़त के मारों से?
मैं चाँद को गिरह-में लग जाऊँ
मैं चाँद को गिरह-में लग जाऊँ
हर तारा ये फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
कोई मुझे रात को याद करे
कोई मुझे रात को याद करे
तारों की झुरमुट में आकर
वो मिलने की फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
वो कहे, "गगन पे आ जाओ
ये तारे मुझे डराते हैं
हम नाम तुम्हारा लेते हैं
ये और मुझे धमकाते हैं
ये चाँद भी तेरी चाहत को
ये चाँद भी तेरी चाहत को
ना जाने क्यूँ बर्बाद करे"
कोई मुझे रात को याद करे
मैं चुप था, पंछी बोल उठे
और वो फ़रियादी रूठ गया
मैं चुप था, पंछी बोल उठे
और वो फ़रियादी रूठ गया
वो रूठे दिल पे चोट लगी
मैं चौंका, सपना टूट गया
अब रोता हूँ, कब रात पड़े
अब रोता हूँ, कब रात पड़े
फ़रियादी फिर फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
पहले तो गगन जला डालूँ
फिर पूछूँ चाँद-सितारों से
क्या बैर है तुमको उल्फ़त से
और हम उल्फ़त के मारों से?
मैं चाँद को गिरह-में लग जाऊँ
मैं चाँद को गिरह-में लग जाऊँ
हर तारा ये फ़रियाद करे
कोई मुझे रात को याद करे
कोई मुझे रात को याद करे
Writer(s): Kanwar Kumar, Hemant Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com