Ye Aaine Se Songtext
von Hariharan
Ye Aaine Se Songtext
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िंदगी मैंने
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िंदगी मैंने
वो काश पूछते मुझसे कि आरज़ू क्या है
वो काश पूछते मुझसे कि आरज़ू क्या है
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये रंग-ए-गुल, ये शफ़क़ और ये ताबिश-ए-अंजुम
ये रंग-ए-गुल, ये शफ़क़ और ये ताबिश-ए-अंजुम
तेरा जमाल नहीं है तो चार-सू क्या है?
तेरा जमाल नहीं है तो चार-सू क्या है?
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
क्यूँ उनके सामने तुम दिल की बात करते हो?
क्यूँ उनके सामने तुम दिल की बात करते हो?
जो ख़ुद समझते नहीं, दिल की आबरू क्या है
जो ख़ुद समझते नहीं, दिल की आबरू क्या है
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
गुफ़्तगू क्या है? गुफ़्तगू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िंदगी मैंने
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िंदगी मैंने
वो काश पूछते मुझसे कि आरज़ू क्या है
वो काश पूछते मुझसे कि आरज़ू क्या है
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये रंग-ए-गुल, ये शफ़क़ और ये ताबिश-ए-अंजुम
ये रंग-ए-गुल, ये शफ़क़ और ये ताबिश-ए-अंजुम
तेरा जमाल नहीं है तो चार-सू क्या है?
तेरा जमाल नहीं है तो चार-सू क्या है?
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
क्यूँ उनके सामने तुम दिल की बात करते हो?
क्यूँ उनके सामने तुम दिल की बात करते हो?
जो ख़ुद समझते नहीं, दिल की आबरू क्या है
जो ख़ुद समझते नहीं, दिल की आबरू क्या है
जो मैं नहीं हूँ तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
गुफ़्तगू क्या है? गुफ़्तगू क्या है?
ये आईने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है?
Writer(s): Wali Arsi, Kaif Bhupali, Tahir Faraaz, Muzafir Warsi, Hariharan Anantha Subramani, Shaharyar, Kaizer-ul-zafari, Munavar Masoom Lyrics powered by www.musixmatch.com