Muddaton Baad Surat Songtext
von Hariharan
Muddaton Baad Surat Songtext
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
शाम से जाग रही हैं वो निंदासी आँखें
शाम से जाग रही हैं वो निंदासी आँखें
डूबते चाँद ने खिड़की से बधाई दी है
डूबते चाँद ने खिड़की से बधाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
उस जनम में भी मुलाक़ात की उम्मीद नहीं
उस जनम में भी मुलाक़ात की उम्मीद नहीं
इस जनम ने तो जनम-भर की जुदाई दी है
इस जनम ने तो जनम-भर की जुदाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
हमने पहले भी ये ख़्वाबों का सफ़र देखा है
हमने पहले भी ये ख़्वाबों का सफ़र देखा है
धूप इतनी थी कि सहरा ने दुहाई दी है
धूप इतनी थी कि सहरा ने दुहाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
शाम से जाग रही हैं वो निंदासी आँखें
शाम से जाग रही हैं वो निंदासी आँखें
डूबते चाँद ने खिड़की से बधाई दी है
डूबते चाँद ने खिड़की से बधाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
उस जनम में भी मुलाक़ात की उम्मीद नहीं
उस जनम में भी मुलाक़ात की उम्मीद नहीं
इस जनम ने तो जनम-भर की जुदाई दी है
इस जनम ने तो जनम-भर की जुदाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
हमने पहले भी ये ख़्वाबों का सफ़र देखा है
हमने पहले भी ये ख़्वाबों का सफ़र देखा है
धूप इतनी थी कि सहरा ने दुहाई दी है
धूप इतनी थी कि सहरा ने दुहाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद...
Writer(s): Qaisar Jaffari, Hariharan Lyrics powered by www.musixmatch.com