Chanda Re Songtext
von Hariharan & Sadhana Sargam
Chanda Re Songtext
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
गुलशन-गुलशन, वादी-वादी बहती है रेशम जैसी हवा
गुलशन-गुलशन, वादी-वादी बहती है रेशम जैसी हवा
जंगल-जंगल, पर्वत-पर्वत हैं नींद में सब इक मेरे सिवा
चंदा, चंदा आजा सपनों की नीली नदिया में नहाएँ
आजा ये तारे चुनके हम, घार बनाएँ
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएँ
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
झरने क्यूँ गाते हैं, पंछी क्यों मतवाले?
वो क्यूँ है सावन महीना घटाओं का?
चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
चंदा, चंदा तितली के पर क्यों इतने रंगीं होते हैं?
जुगनू रातों में जागे, तो कब सोते हैं?
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएँ
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
बैठेंगे, बातें करेंगे
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
गुलशन-गुलशन, वादी-वादी बहती है रेशम जैसी हवा
गुलशन-गुलशन, वादी-वादी बहती है रेशम जैसी हवा
जंगल-जंगल, पर्वत-पर्वत हैं नींद में सब इक मेरे सिवा
चंदा, चंदा आजा सपनों की नीली नदिया में नहाएँ
आजा ये तारे चुनके हम, घार बनाएँ
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएँ
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
झरने क्यूँ गाते हैं, पंछी क्यों मतवाले?
वो क्यूँ है सावन महीना घटाओं का?
चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
चंदा, चंदा तितली के पर क्यों इतने रंगीं होते हैं?
जुगनू रातों में जागे, तो कब सोते हैं?
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएँ
चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आए अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman Lyrics powered by www.musixmatch.com