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Saawan Songtext
von Bombay Bandook

Saawan Songtext

बहर की झोली से
बूंद चुराए नूर
बादल के अंग से
सावन आए रे

कैसे मैं रहूँ
बिन गाए

ये सरसराती टिपटिपाती
महफिलों में

मेघ जो मल्हार
के गीत सुनाए तो
बूंदों की आहट से
योवन आए रे

कैसे मैं रहूँ
बिन गाए

ये सरसराती टिपटिपाती
महफिलों में


सावन आए रे
मेघ छाए रे
भीगे आंगन मे...

देखो कारे बदरा
चमके दमके बिजलियाॅ

ये घना आसमां
भीगा ये समा

सावन आए रे
मेघ छाए रे
भीगे आंगन मे

कैसे मैं रहूँ
बिन गाए

ये सरसराती टिपटिपाती
महफिलों में

सावन आए रे
मेघ छाए रे
भीगे आंगन मे...

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