Jawaab Songtext
von Badshah
Jawaab Songtext
ये मुनासिब होगा हमको थाम लो कि
हम भी चाँद ढूँढने लगे हैं बादलों में
नाम शामिल हो चुका है अपना पागलों में
मतलबी इस दुनिया से किनारे कर लूँ
नाम तेरे सारी की सारी बहारें कर दूँ
बस चले तो तेरे हाथ में सितारे रख दूँ
शाम का रंग क्यूँ तेरे रंग में मिल रहा है?
दिल मेरा तेरे संग बैठ कर क्यूँ खिल रहा है?
है कोई जवाब, ओ, मेरे जनाब?
है कोई जवाब इस बात का?
आपके अपने ही हैं, हमको जानिए तो
इस शरम के लहजे को पहचानिए तो
बात बन जाएगी, बात मानिए तो
क्या है, कुछ नहीं ये चार दिन की ज़िंदगानी
तारों के हेर-फ़ेर की ये कारिस्तानी
ना कभी भी मिटने वाली लिख दें कहानी
आपकी आँखों में जो लिखा, मैं वो पढ़ रहा हूँ
बात वो होंठों पर कब आएगी, इंतज़ार कर रहा हूँ
है कोई जवाब, ओ, मेरे जनाब?
है कोई जवाब इस बात का?
बुनते रहें या ना बुनें ये ख़्वाब?
है कोई जवाब इस बात का?
हम भी चाँद ढूँढने लगे हैं बादलों में
नाम शामिल हो चुका है अपना पागलों में
मतलबी इस दुनिया से किनारे कर लूँ
नाम तेरे सारी की सारी बहारें कर दूँ
बस चले तो तेरे हाथ में सितारे रख दूँ
शाम का रंग क्यूँ तेरे रंग में मिल रहा है?
दिल मेरा तेरे संग बैठ कर क्यूँ खिल रहा है?
है कोई जवाब, ओ, मेरे जनाब?
है कोई जवाब इस बात का?
आपके अपने ही हैं, हमको जानिए तो
इस शरम के लहजे को पहचानिए तो
बात बन जाएगी, बात मानिए तो
क्या है, कुछ नहीं ये चार दिन की ज़िंदगानी
तारों के हेर-फ़ेर की ये कारिस्तानी
ना कभी भी मिटने वाली लिख दें कहानी
आपकी आँखों में जो लिखा, मैं वो पढ़ रहा हूँ
बात वो होंठों पर कब आएगी, इंतज़ार कर रहा हूँ
है कोई जवाब, ओ, मेरे जनाब?
है कोई जवाब इस बात का?
बुनते रहें या ना बुनें ये ख़्वाब?
है कोई जवाब इस बात का?
Writer(s): Aditya Prateek Singh, Nikolaos Grivellas Lyrics powered by www.musixmatch.com