Jabse Dekha Hai Songtext
von Babul Supriyo & Alka Yagnik
Jabse Dekha Hai Songtext
जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
हो-हो, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
हो-हो, दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
ऐसा था पहली मुलाक़ात का चाँद
हो-हो, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
Hmm, खुली खिड़की से हवा जो आए
तेरे आँचल की वो ख़ुशबू लाए
चलाया जादू ये तूने कैसा?
कि हाल है मेरा दीवानों जैसा
आसमाँ झुक गया, पल वहीं रुक गया
कोई आहट हुई तो धड़कने लगा दिल मेरा, हो-हो
Hmm, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
हो, हमेशा मुझको तेरी याद आई
तुझे ही चाहे मेरी तनहाई
तुझे मैं सोचूँ अकेलेपन में
तेरी धड़कन है मेरी धड़कन में
रात-भर जागती, ये दुआ माँगती
मेरे महबूब जल्दी से अब सामना हो तेरा, हो-हो
जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
हो-हो, दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
ऐसा था पहली मुलाक़ात का चाँद
जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
हो-हो, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
हो-हो, दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
ऐसा था पहली मुलाक़ात का चाँद
हो-हो, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
Hmm, खुली खिड़की से हवा जो आए
तेरे आँचल की वो ख़ुशबू लाए
चलाया जादू ये तूने कैसा?
कि हाल है मेरा दीवानों जैसा
आसमाँ झुक गया, पल वहीं रुक गया
कोई आहट हुई तो धड़कने लगा दिल मेरा, हो-हो
Hmm, जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
हो, हमेशा मुझको तेरी याद आई
तुझे ही चाहे मेरी तनहाई
तुझे मैं सोचूँ अकेलेपन में
तेरी धड़कन है मेरी धड़कन में
रात-भर जागती, ये दुआ माँगती
मेरे महबूब जल्दी से अब सामना हो तेरा, हो-हो
जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
हो-हो, दिल मेरा खो गया, बेख़बर हो गया
ऐसा था पहली मुलाक़ात का चाँद
जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
Writer(s): Anu Malik, Sameer Anjaan Lyrics powered by www.musixmatch.com