Aapni Ankhon Ke Jharokon Mein Songtext
von Asha Bhosle & Mahendra Kapoor
Aapni Ankhon Ke Jharokon Mein Songtext
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
लड़खड़ाता हुआ आया हूँ बड़ी दूर से मैं
लड़खड़ाता हुआ आया हूँ बड़ी दूर से मैं
अपने क़ाबिल जो समझते हों, सँभालो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
बेख़ुदी आज मुझे लेके वहाँ आई है
बेख़ुदी आज मुझे लेके वहाँ आई है
ला सके तुम ना जहाँ, मेरे ख़यालों, मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
रोशनी याद दिलाती है ग़म-ए-दुनिया की
रोशनी याद दिलाती है ग़म-ए-दुनिया की
अपनी ज़ुल्फ़ों के अँधेरे में छुपा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
लड़खड़ाता हुआ आया हूँ बड़ी दूर से मैं
लड़खड़ाता हुआ आया हूँ बड़ी दूर से मैं
अपने क़ाबिल जो समझते हों, सँभालो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
बेख़ुदी आज मुझे लेके वहाँ आई है
बेख़ुदी आज मुझे लेके वहाँ आई है
ला सके तुम ना जहाँ, मेरे ख़यालों, मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
रोशनी याद दिलाती है ग़म-ए-दुनिया की
रोशनी याद दिलाती है ग़म-ए-दुनिया की
अपनी ज़ुल्फ़ों के अँधेरे में छुपा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
या किसी और तरह अपना बना लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
अपनी आँखों के झरोकों में बिठा लो मुझको
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com