Awaaz Di Hai Songtext
von Asha Bhosle & Bhupinder Singh
Awaaz Di Hai Songtext
आवाज़ दी है आज इक नज़र ने या है ये दिल को गुमाँ?
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
आवाज़ दी है आज इक नज़र ने या है ये दिल को गुमाँ?
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
जीवन में कितनी वीरानियाँ थी, छाई थी कैसी उदासी
सुनकर किसी के क़दमों की आहट हलचल हुई है ज़रा सी
हो, जीवन में कितनी वीरानियाँ थी, छाई थी कैसी उदासी
सुनकर किसी के क़दमों की आहट हलचल हुई है ज़रा सी
सागर में जैसे लहरें उठी हैं, टूटी हैं ख़ामोशियाँ
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
तूफ़ाँ में खोई कश्ती को आख़िर मिल ही गया फिर किनारा
हम छोड़ आए ख़्वाबों की दुनिया, दिल ने तेरे जब पुकारा
तूफ़ाँ में खोई कश्ती को आख़िर मिल ही गया फिर किनारा
हम छोड़ आए ख़्वाबों की दुनिया, दिल ने तेरे जब पुकारा
कब से खड़ी थी बाँहें पसारे इस दिल की तनहाइयाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
अब याद आया कितना अधूरा अब तक था दिल का फ़साना
यूँ पास आ के, दिल में समा के दामन ना हमसे छुड़ाना
अब याद आया कितना अधूरा अब तक था दिल का फ़साना
यूँ पास आ के, दिल में समा के दामन ना हमसे छुड़ाना
जिन रास्तों पर तेरे क़दम हों, मंज़िल है मेरी वहाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
आवाज़ दी है आज इक नज़र ने या है ये दिल को गुमाँ?
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
जीवन में कितनी वीरानियाँ थी, छाई थी कैसी उदासी
सुनकर किसी के क़दमों की आहट हलचल हुई है ज़रा सी
हो, जीवन में कितनी वीरानियाँ थी, छाई थी कैसी उदासी
सुनकर किसी के क़दमों की आहट हलचल हुई है ज़रा सी
सागर में जैसे लहरें उठी हैं, टूटी हैं ख़ामोशियाँ
दोहरा रही हैं जैसे फ़िज़ाएँ भूली हुई दास्ताँ
तूफ़ाँ में खोई कश्ती को आख़िर मिल ही गया फिर किनारा
हम छोड़ आए ख़्वाबों की दुनिया, दिल ने तेरे जब पुकारा
तूफ़ाँ में खोई कश्ती को आख़िर मिल ही गया फिर किनारा
हम छोड़ आए ख़्वाबों की दुनिया, दिल ने तेरे जब पुकारा
कब से खड़ी थी बाँहें पसारे इस दिल की तनहाइयाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
अब याद आया कितना अधूरा अब तक था दिल का फ़साना
यूँ पास आ के, दिल में समा के दामन ना हमसे छुड़ाना
अब याद आया कितना अधूरा अब तक था दिल का फ़साना
यूँ पास आ के, दिल में समा के दामन ना हमसे छुड़ाना
जिन रास्तों पर तेरे क़दम हों, मंज़िल है मेरी वहाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें, कितना हसीं है समाँ
दुनिया से कह दो, ना हमको पुकारे, हम खो गए हैं यहाँ
Writer(s): Hasan Kamal Lyrics powered by www.musixmatch.com