Songtexte.com Drucklogo

Mann Ki Dori Songtext
von Armaan Malik

Mann Ki Dori Songtext

जिस पल से देखा है तुझ को, मन ये पगल गया रे
पीछे-पीछे देखो तेरे हद से निकल गया रे
हो, जिस पल से देखा है तुझ को, मन ये पगल गया रे
पीछे-पीछे देखो तेरे हद से निकल गया रे

तू जहाँ वहाँ लेके जाए ये राहें मोरी
कि तुझ संग बाँधी, कि तुझ संग बाँधी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
रे-रे-रे, तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी


हो, दाँतों से काटे, हाथों से खींचे
डोर ये तेरी-मेरी तोड़े ना टूटे
हो, धूप के दिन हों या सर्दी की रातें
डोर ये तेरी-मेरी छोड़े ना छूटे

तू जहाँ वहाँ लेके जाए ये राहें मोरी
कि तुझ संग बाँधी, कि तुझ संग बाँधी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
रे-रे-रे, तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी

कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी
रे-रे-रे, तुझ संग बाँधी ये मन की डोरी

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Beliebte Songtexte
von Armaan Malik

Quiz
In welcher Jury sitzt Dieter Bohlen?

Fans

»Mann Ki Dori« gefällt bisher niemandem.