Kasam Se Songtext
von Armaan Malik
Kasam Se Songtext
क़सम से, तुझसे जो प्यार हुआ
दिल हद से पार हुआ
क्या जाने, यार हुआ
क़सम से, हूँ मैं रुका हुआ
तेरी ही गलियों में, सड़कों पे
रस्तों पे अब इंतज़ार हुआ
रहूँ होश में या बेहोश हूँ
तुझे सोच के मुस्कुराता रहूँ
कहे जो मुझे मज़ाकों में तू
वो बातें मैं सच मान लूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, तेरा हूँ, सब से कहूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, बिन तेरे अब ना जियूँ
क़सम से...
(क़सम से)
क़सम से, तू जब से याद हुआ
सब तेरे बाद हुआ
ये अपने आप हुआ
क़सम से, ये भी कमाल हुआ
ढूँढा जिसे मैंने ख़्वाब-ओ-ख़यालों में
वो मेरा आज हुआ
जो हो बात ये मेरे हाथ में
तो मैं हर जनम में तुझे माँग लूँ
जहाँ से कभी चला जाऊँ मैं
समझना, तेरे साथ हूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, तेरा था, तेरा रहूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, बिन तेरे अब ना जियूँ
क़सम से...
(क़सम से)
(क़सम से)
दिल हद से पार हुआ
क्या जाने, यार हुआ
क़सम से, हूँ मैं रुका हुआ
तेरी ही गलियों में, सड़कों पे
रस्तों पे अब इंतज़ार हुआ
रहूँ होश में या बेहोश हूँ
तुझे सोच के मुस्कुराता रहूँ
कहे जो मुझे मज़ाकों में तू
वो बातें मैं सच मान लूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, तेरा हूँ, सब से कहूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, बिन तेरे अब ना जियूँ
क़सम से...
(क़सम से)
क़सम से, तू जब से याद हुआ
सब तेरे बाद हुआ
ये अपने आप हुआ
क़सम से, ये भी कमाल हुआ
ढूँढा जिसे मैंने ख़्वाब-ओ-ख़यालों में
वो मेरा आज हुआ
जो हो बात ये मेरे हाथ में
तो मैं हर जनम में तुझे माँग लूँ
जहाँ से कभी चला जाऊँ मैं
समझना, तेरे साथ हूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, तेरा था, तेरा रहूँ
क़सम से, क़सम से
क़सम से, बिन तेरे अब ना जियूँ
क़सम से...
(क़सम से)
(क़सम से)
Writer(s): Armaan Malik, Amaal Mallik Lyrics powered by www.musixmatch.com