Phir Mohabbat Songtext
von Arijit Singh
Phir Mohabbat Songtext
जब-जब तेरे पास मैं आया एक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आए मौसम ग़म के, तुझे याद किया
हो, जब सहमे तनहापन से, तुझे याद किया
Hmm, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
ऐसा क्यूँ कर हुआ? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
ओ-ओ, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिस राह पे है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ, मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा
तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है सिलसिला? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
ओ-ओ, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
कुछ भी नहीं जब दरमियाँ
फ़िर क्यूँ है दिल तेरे ही ख़्वाब बुनता?
चाहा कि दे तुझको भुला
पर ये भी मुमकिन हो ना सका
क्या है ये मामला? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आए मौसम ग़म के, तुझे याद किया
हो, जब सहमे तनहापन से, तुझे याद किया
Hmm, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
ऐसा क्यूँ कर हुआ? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
ओ-ओ, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिस राह पे है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ, मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा
तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है सिलसिला? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
ओ-ओ, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
कुछ भी नहीं जब दरमियाँ
फ़िर क्यूँ है दिल तेरे ही ख़्वाब बुनता?
चाहा कि दे तुझको भुला
पर ये भी मुमकिन हो ना सका
क्या है ये मामला? जानूँ ना, मैं जानूँ ना
दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
Writer(s): Sayeed Quadri Lyrics powered by www.musixmatch.com