Paheli Songtext
von Anurag Saikia & Raghav Chaitanya
Paheli Songtext
कुछ छिपाए, aha, कुछ बताए, aha
कुछ छिपाए, aha, कुछ बताए, aha
कभी अकेली है, कभी सहेली है
कभी अकेली है, कभी सहेली है
ऐ ज़िंदगी, तू एक पहेली है
कुछ उलझती, aha, कुछ सुलझती, aha
कुछ उलझती, aha-oh-ayy, कुछ सुलझती, aha
अलबेली है, नई-नवेली है
अलबेली है, नई-नवेली है
ऐ ज़िंदगी, तू एक पहेली है
कुछ छिपाए, aha, कुछ बताए, aha
कभी अकेली है, कभी सहेली है
कभी अकेली है, कभी सहेली है
ऐ ज़िंदगी, तू एक पहेली है
कुछ उलझती, aha, कुछ सुलझती, aha
कुछ उलझती, aha-oh-ayy, कुछ सुलझती, aha
अलबेली है, नई-नवेली है
अलबेली है, नई-नवेली है
ऐ ज़िंदगी, तू एक पहेली है
Writer(s): Anurag Saikia, Durgesh Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com