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Dard Karaara Songtext
von Anu Malik

Dard Karaara Songtext

ख़ुदा से ज़्यादा तुम पे एतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार-बार करते हैं
बार-बार करते हैं

तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा

कोरे-कोरे काग़ज़, जिन पे बेकस...
कोरे-कोरे काग़ज़
जिन पे बेकस लिखता हूँ ये खुलासा

तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा

तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा


कोरे-कोरे काग़ज़, जिन पे बेकस...
कोरे-कोरे काग़ज़
जिन पे बेकस लिखती हूँ ये खुलासा

तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा

अभी-अभी धूप थी यहाँ पे
लो, अब बरसातों की धारा

जेब है ख़ाली
प्यार के सिक्कों से आओ कर लें गुज़ारा

कभी-कभी आईने से पूछा है
"किसने रूप सँवारा?"
कभी लगूँ मोहिनी, कभी लगूँ चाँदनी
कभी चमकीला सितारा

कितना सँभल लें (बचकर चल लें)
दिल तो ढीठ आवारा

तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले, दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वो ही जिसे इश्क़ ने मारा

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