Patthar Se Sheesha Songtext
von Anand Kumar C
Patthar Se Sheesha Songtext
वक्त के साँचे में अपनी ज़िंदगी को ढालकर
मुस्कुराओ मौत की आँखों में आँखें डालकर
पत्थर से शीशा टकरा के, हाँ
पत्थर से शीशा टकरा के
वो कहते हैं दिल टूटे ना
उस धन की क़ीमत कुछ भी नहीं
जिस धन को लुटेरा लूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
नज़रों का इशारा धोका था
बातों का सहारा धोका था
बातों का सहारा धोका था
अब ग़म में दिल डूबे, लेकिन, हाँ
अब ग़म में दिल डूबे, लेकिन
मझधार से नाता टूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
दो आँखों के टकराने से
अफ़साने बनते हैं, लेकिन
अफ़साने बनते हैं, लेकिन
कुछ ऐसे फ़साने हैं, जिनका, हाँ
कुछ ऐसे फ़साने हैं, जिनका
काँटों से दामन छूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
बेक़रारी क़रार हो जाए
जो ख़िज़ाँ है, बहार हो जाए
इसको कहते हैं प्यार का सागर
इसको कहते हैं प्यार का सागर
डूबने वाला पार हो जाए
तूफ़ाँ में चलते रहना है
शोलों में जलते रहना है
शोलों में जलते रहना है
वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में, हाँ
वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में
पैरों के छाले फूटें ना?
पत्थर से शीशा टकरा के
वो कहते हैं दिल टूटे ना
मुस्कुराओ मौत की आँखों में आँखें डालकर
पत्थर से शीशा टकरा के, हाँ
पत्थर से शीशा टकरा के
वो कहते हैं दिल टूटे ना
उस धन की क़ीमत कुछ भी नहीं
जिस धन को लुटेरा लूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
नज़रों का इशारा धोका था
बातों का सहारा धोका था
बातों का सहारा धोका था
अब ग़म में दिल डूबे, लेकिन, हाँ
अब ग़म में दिल डूबे, लेकिन
मझधार से नाता टूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
दो आँखों के टकराने से
अफ़साने बनते हैं, लेकिन
अफ़साने बनते हैं, लेकिन
कुछ ऐसे फ़साने हैं, जिनका, हाँ
कुछ ऐसे फ़साने हैं, जिनका
काँटों से दामन छूटे ना
पत्थर से शीशा टकरा के...
बेक़रारी क़रार हो जाए
जो ख़िज़ाँ है, बहार हो जाए
इसको कहते हैं प्यार का सागर
इसको कहते हैं प्यार का सागर
डूबने वाला पार हो जाए
तूफ़ाँ में चलते रहना है
शोलों में जलते रहना है
शोलों में जलते रहना है
वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में, हाँ
वो मंज़िल क्या जिस मंज़िल में
पैरों के छाले फूटें ना?
पत्थर से शीशा टकरा के
वो कहते हैं दिल टूटे ना
Writer(s): Rajkamal, Fauq Jami Lyrics powered by www.musixmatch.com