Ghunghat Ki Aadh Se Songtext
von Alka Yagnik & Kumar Sanu
Ghunghat Ki Aadh Se Songtext
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
इक़रार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
गोरे मुखड़े से घूँघटा हटाने दे
घड़ी अपने मिलन की तो आने दे
मेरे दिल पे नहीं मेरा काबू है
कुछ नहीं ये चाहत का जादू है
बढ़ती ही जाती हैं सनम प्यार की ये बेखुदी हो
दो प्रेमियों के ना मिलने से
संसार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
बाग में गुल का खिलना ज़रूरी है
हाँ मोहब्बत में मिलना ज़रूरी है
पास आने का अच्छा बहाना है
क्या करूं मैं कि मौसम दीवाना है
दिल मेरा धड़काने लगी अब तो ये दीवानगी हो
बिना किसी यार के जान-ए-जां
ये प्यार अधूरा रहता है
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
इक़रार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
इक़रार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
गोरे मुखड़े से घूँघटा हटाने दे
घड़ी अपने मिलन की तो आने दे
मेरे दिल पे नहीं मेरा काबू है
कुछ नहीं ये चाहत का जादू है
बढ़ती ही जाती हैं सनम प्यार की ये बेखुदी हो
दो प्रेमियों के ना मिलने से
संसार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
बाग में गुल का खिलना ज़रूरी है
हाँ मोहब्बत में मिलना ज़रूरी है
पास आने का अच्छा बहाना है
क्या करूं मैं कि मौसम दीवाना है
दिल मेरा धड़काने लगी अब तो ये दीवानगी हो
बिना किसी यार के जान-ए-जां
ये प्यार अधूरा रहता है
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
जब तक ना मिले, नज़रों से नज़र
इक़रार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दीदार अधूरा रहता है
जब तक ना पड़े, आशिक़ की नज़र
सिंगार अधूरा रहता है
घूँघट की आड़ से दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
हाँ दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
दिलबर का, दिलबर का, दिलबर का
Writer(s): Sameer, Nadeem Shravan Lyrics powered by www.musixmatch.com