Karun Na Yaad Songtext
von Adnan Sami
Karun Na Yaad Songtext
Gone away, gone away
So far away, she is gone away
Gone away, gone away
So far away, she is gone away
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
वो खौर-खौर है शकीब गुलाब की मा-नन्द
वो खौर-खौर है शकीब गुलाब की मा-नन्द
मैं ज़ख्म-ज़ख्म हूँ फ़िर भी गले लगाऊँ उसे
मैं ज़ख्म-ज़ख्म हूँ फ़िर भी गले लगाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
Gone away, gone away
Gone away
So far away, she is gone away
Gone away
Gone away, gone away
Far away
So far away
She is gone away, gone away
जो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है फलाज़
जो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है फलाज़
अजब नहीं है अगर याद भी ना आऊँ उसे
अजब नहीं है अगर याद भी ना आऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
So far away, she is gone away
Gone away, gone away
So far away, she is gone away
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
वो खौर-खौर है शकीब गुलाब की मा-नन्द
वो खौर-खौर है शकीब गुलाब की मा-नन्द
मैं ज़ख्म-ज़ख्म हूँ फ़िर भी गले लगाऊँ उसे
मैं ज़ख्म-ज़ख्म हूँ फ़िर भी गले लगाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
Gone away, gone away
Gone away
So far away, she is gone away
Gone away
Gone away, gone away
Far away
So far away
She is gone away, gone away
जो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है फलाज़
जो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है फलाज़
अजब नहीं है अगर याद भी ना आऊँ उसे
अजब नहीं है अगर याद भी ना आऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
ग़जल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
Writer(s): Khan Sami Adnan Lyrics powered by www.musixmatch.com