Kabhi Naee Songtext
von Adnan Sami
Kabhi Naee Songtext
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं (कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं)
अरे छोड़ ना यार
माल है पर दाम नहीं है
Degree है पर काम नहीं है
हम करें कोई ऐसी पढ़ाई
जिस से घर में आए कमाई
Degree है बस नाम की मौला
अपने ये किस काम की मौला
जो मुझे है नौकरी पानी
होगी ऊंची पहुँच लगानी
कभी daddy से छुपाया है कभी नहीं
कभी cheating की तूने कभी नहीं
कभी मस्का लगाया है कभी नहीं
कभी गुरु को सताया है कभी नहीं
कभी teacher ने मारा है कभी नहीं
कभी झूठ मैंने बोला है कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं (कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं)
पूछो ना पूछो ना कैसा
शादी का लड्डू है ऐसा (वाह)
जो ना खाए वो ललचाये (क्या बात है)
खाने वाला भी पछताए
आशिकी romance की बातें
ये तो हैं सब chance की बातें
ना लगाना खुद पे पहरा
बांध लेना सर पे सेहरा
कभी बीवी को घुमाया है कभी नहीं
कभी बीवी से छुपाया है कभी नहीं
कभी बीवी को रुलाया है (अरे)
कभी बीवी ने निकाला है (अमा क्या बोल रहा है यार?)
कभी बीवी ने पीटा है (अमा क्या कर रहा है यार?)
कभी झूठ मैंने बोला है कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
END
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं (कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं)
अरे छोड़ ना यार
माल है पर दाम नहीं है
Degree है पर काम नहीं है
हम करें कोई ऐसी पढ़ाई
जिस से घर में आए कमाई
Degree है बस नाम की मौला
अपने ये किस काम की मौला
जो मुझे है नौकरी पानी
होगी ऊंची पहुँच लगानी
कभी daddy से छुपाया है कभी नहीं
कभी cheating की तूने कभी नहीं
कभी मस्का लगाया है कभी नहीं
कभी गुरु को सताया है कभी नहीं
कभी teacher ने मारा है कभी नहीं
कभी झूठ मैंने बोला है कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं (कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं)
पूछो ना पूछो ना कैसा
शादी का लड्डू है ऐसा (वाह)
जो ना खाए वो ललचाये (क्या बात है)
खाने वाला भी पछताए
आशिकी romance की बातें
ये तो हैं सब chance की बातें
ना लगाना खुद पे पहरा
बांध लेना सर पे सेहरा
कभी बीवी को घुमाया है कभी नहीं
कभी बीवी से छुपाया है कभी नहीं
कभी बीवी को रुलाया है (अरे)
कभी बीवी ने निकाला है (अमा क्या बोल रहा है यार?)
कभी बीवी ने पीटा है (अमा क्या कर रहा है यार?)
कभी झूठ मैंने बोला है कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
मौला कभी मुझे छोड़ना कभी नहीं
भूला तेरा एहसान मैं कभी नहीं
दिया तूने जो मना किया कभी नहीं
कभी किसी को फसाया है कभी नहीं
कभी रिश्वत खाई है कभी नहीं
कभी झूठ मैं बोला हूँ कभी नहीं
तेरे घर में अंधेर है कभी नहीं
END
Writer(s): Sameer, Adnan Sami Lyrics powered by www.musixmatch.com