Bulbulliya Songtext
von Adnan Sami
Bulbulliya Songtext
इस रस्ते हम चले इस गली
किस डगर जाने ना, ना जाने ना
एक पल फिरदौस मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढून्ढ रहे हैं किसकी पनाह
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक पल फिरदौस मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढून्ढ रहे हैं किसकी पनाह
एक पल सुकून ना आये
हर दम जान गिरति जाए
अब इसका डर है बेचैनी के हर चैन फना हो जाए
हुआ फ़ना मेरे इस दिल से सारा करार मेरा
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
मुझ में यह कौन है हैरान सा एक अजनबी
खुद से में हूँ जुड़ा है गुमशुदा मेरी खुदी
हर पत्ता-पत्ता बूटा, कहता मैं खुदसे झूठा
अब चेहरे पे चेहरे कई लग्गा रखे है मैंने
एक पल फिर दोस्त मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढूंढ रहे है किसकी पनाह
एक पल सुकून ना आये
हर दम जान गिरति जाए
अब इसका डर है बेचैनी के हर चैन फना हो जाए
हुआ फ़ना मेरे इस दिल से सारा करार मेरा
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
किस डगर जाने ना, ना जाने ना
एक पल फिरदौस मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढून्ढ रहे हैं किसकी पनाह
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक पल फिरदौस मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढून्ढ रहे हैं किसकी पनाह
एक पल सुकून ना आये
हर दम जान गिरति जाए
अब इसका डर है बेचैनी के हर चैन फना हो जाए
हुआ फ़ना मेरे इस दिल से सारा करार मेरा
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
मुझ में यह कौन है हैरान सा एक अजनबी
खुद से में हूँ जुड़ा है गुमशुदा मेरी खुदी
हर पत्ता-पत्ता बूटा, कहता मैं खुदसे झूठा
अब चेहरे पे चेहरे कई लग्गा रखे है मैंने
एक पल फिर दोस्त मिले है
फिर इक पल में सब सेहरा
तक़दीर क्या सोच रही है किसको पता
इक पल में चैन मिले है
इक पल फिर है बेचैनी
दर दर हम ढूंढ रहे है किसकी पनाह
एक पल सुकून ना आये
हर दम जान गिरति जाए
अब इसका डर है बेचैनी के हर चैन फना हो जाए
हुआ फ़ना मेरे इस दिल से सारा करार मेरा
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
बुलबुल्याँ, बुलबुल्याँ, बुल्याँ बुलबुल्याँ बुल्याँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
एक जूनून के दस पल है और है सुकून कहाँ
Writer(s): Mithoon Lyrics powered by www.musixmatch.com