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Kehna Hi Kya Songtext
von K. S. Chithra & A. R. Rahman

Kehna Hi Kya Songtext

(गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
(गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हलचल-हलचल खो गई तेरी, होंठ हैं तेरे चुप (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
खलबल-खलबल खो गई तेरी, बैठी है तू क्यूँ चुप? (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)

प्यारे-प्यारे चेहरे लेकर दे दिया इशारा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हमसे, गोरी, ना तू शर्मा, कह दे हमसे ज़रा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हमसे, गोरी, ना तू शर्मा, कह दे हमसे ज़रा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)

कहना ही क्या, ये नैन एक अंजान से जो मिले (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमाँ नए ऐसे दिल में खिले, जिनको कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे, हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल, ना जानूँ!

अब क्या करें? क्या नाम लें?
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ?

कहना ही क्या, ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमाँ नए ऐसे दिल में खिले, जिनको कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे, हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल, ना जानूँ!


अब क्या करें? क्या नाम लें?
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ?

पहली ही नज़र में कुछ हम, कुछ तुम हो जाते हैं यूँ गुम
नैनों से बरसे रिमझिम-रिमझिम हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी-थोड़ी हमको आए तो नज़रें झुक जाए
सितम थोड़ा-थोड़ा हमपे शोख़ हवा भी कर जाए

ऐसी चले आँचल उड़े, दिल में एक तूफ़ान उठे
हम तो लुट गए खड़े ही खड़े

कहना ही क्या, ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगी मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमाँ नए ऐसे दिल में खिले, जिनको कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे, हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल, ना जानूँ!

अब क्या करें? क्या नाम लें?
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ?

(गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
(गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हलचल-हलचल खो गई तेरी, होंठ हैं तेरे चुप (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
खलबल-खलबल खो गई तेरी, बैठी है तू क्यूँ चुप? (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)


प्यारे-प्यारे चेहरे लेकर दे दिया इशारा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हमसे, गोरी, ना तू शर्मा, कह दे हमसे ज़रा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)
हमसे, गोरी, ना तू शर्मा, कह दे हमसे ज़रा (गमसुम-गुमसुम गुपचुप, गमसुम गुपचुप)

इन होंठों ने माँगा सरगम-सरगम
तू और तेरा ही प्यार है
आँखें ढूँढे है जिसको हरदम-हरदम
तू और तेरा ही प्यार है

महफ़िल में भी तनहा है दिल ऐसे, दिल ऐसे
तुझको खो ना दे, डरता है ये ऐसे, ये ऐसे
आज मिली ऐसी ख़ुशी, झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पाई ज़िंदगी

कहना ही क्या, ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमाँ नए ऐसे दिल में खिले, जिनको कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे, हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल, ना जानूँ!

अब क्या करें? क्या नाम लें?
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ?

कहना ही क्या, ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगी मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले

कहना ही क्या

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