Kachchi Dagar Panghat Ki Songtext
von Asha Bhosle
Kachchi Dagar Panghat Ki Songtext
कच्ची डगर पनघट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री, हो
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
छलकी जाए मोरी मटकी
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
हो, ठंडी-ठंडी पवन लहराए
ठंडी-ठंडी पवन लहराए
गोरे मुखड़े पे लट बल खाए
गोरे मुखड़े पे लट बल खाए
मोहे छेड़ ना भाई नटखट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
हो, मैं तो पैयाँ धरूँ बच-बच के
मैं तो पैयाँ धरूँ बच-बच के
कहीं पतली कमर ना लचके
हाय, कहीं पतली कमर ना लचके
है बात बड़ी संकट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
हो, मेरी राहों में खड़े दिल वाले
मेरी राहों में खड़े दिल वाले
तीर नज़रों के फेंकें मतवाले
हाय, तीर नज़रों के फेंकें मतवाले
करूँ ओट, सखी, मैं घूँघट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
छलकी जाए मोरी मटकी
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री, हो
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
छलकी जाए मोरी मटकी
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
हो, ठंडी-ठंडी पवन लहराए
ठंडी-ठंडी पवन लहराए
गोरे मुखड़े पे लट बल खाए
गोरे मुखड़े पे लट बल खाए
मोहे छेड़ ना भाई नटखट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
हो, मैं तो पैयाँ धरूँ बच-बच के
मैं तो पैयाँ धरूँ बच-बच के
कहीं पतली कमर ना लचके
हाय, कहीं पतली कमर ना लचके
है बात बड़ी संकट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
हो, मेरी राहों में खड़े दिल वाले
मेरी राहों में खड़े दिल वाले
तीर नज़रों के फेंकें मतवाले
हाय, तीर नज़रों के फेंकें मतवाले
करूँ ओट, सखी, मैं घूँघट की
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(कच्ची डगर पनघट की)
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
छलकी जाए मोरी मटकी
चलत डर लागे रे, लागे, सखी री
(चलत डर लागे रे, लागे, सखी री)
Writer(s): Ravi, S H Bihari Lyrics powered by www.musixmatch.com